लेखनी प्रतियोगिता -27-Dec-2022
सूना दिल
सूना पड़ा है आज मेरा दिल किसी
की राहों में जाने क्यों एक खाली पन
खोज लाया है बस एक एहसास है
जो वह खोज मेरे नाम लेकर आया है
कैसे कहूं तेरा इंतज़ार मेरे अरमानों में
बंद अब भी है एक मंज़र दर्द से भरा
अब भी है खुशबू के एहसास से सूना
पड़ा है मेरा दिल आज तेरी चाहत में।
Sachin dev
30-Dec-2022 06:33 PM
Shandar 🌺
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Mahendra Bhatt
28-Dec-2022 10:31 AM
शानदार
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RAKHI Saroj
28-Dec-2022 09:47 PM
धन्यवाद
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Renu
27-Dec-2022 11:38 PM
👍👍🌺
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RAKHI Saroj
28-Dec-2022 09:05 AM
Thank you
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